जो छलके शराब अपने पैमाने से तो समझना नशा हो गया है
जो छलके शराब अपने पैमाने से तो समझना नशा हो गया है
लेकिन जब तेरे दर्द में भी आंसू न छलके तेरे चाहने वालों ने तो समझ लेना सारे धुएं के गुबार के बादल थे जो बरसात होते ही छट गए है।
RJ Anand prajapati