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24 Dec 2024 · 1 min read

जो छलके शराब अपने पैमाने से तो समझना नशा हो गया है

जो छलके शराब अपने पैमाने से तो समझना नशा हो गया है
लेकिन जब तेरे दर्द में भी आंसू न छलके तेरे चाहने वालों ने तो समझ लेना सारे धुएं के गुबार के बादल थे जो बरसात होते ही छट गए है।
RJ Anand prajapati

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