जो चला गया
हंसता हुआ चेहरा, यादें हो गई
ठहाकों वाली गलियां सूनी हो गई
दिन चढ़ा नहीं की शाम हो गई
हे ईश्वर! ऐसी भी क्या बात हो गई।।
फूल अच्छे से खिला भी नहीं
अभी सभी से मिला भी नहीं
चला गया छोड़कर अचानक
अभी तो उसने जीवन जीया ही नहीं।।
है दुनिया की रीत यही
जो आया वो चला गया
लेकिन जो पीछे रह गया
वो तो जीवन भर छला गया।।
दर्द मिला जो उसे खोने का,
उसे कोई बांट सकता नहीं
मिले अपनों से बिछड़ने का गम
इससे बुरा कुछ हो सकता नहीं।।
यादें वो पुरानी बस रह गई
हमारी बातें भी अधूरी ही रह गई
कहना चाहता था बहुत कुछ
बातें दिल की बस दिल में रह गई।।
दुआ है वो जहां भी रहेगा
सारी उलझनों से दूर, खुश रहेगा
हम तो देख पाएंगे नहीं उसे
वो तो कहीं से हमको देखता रहेगा।।