जो किये थे कसूर
अपमान किया है उसने किसी का
बेआबरू कर दिखाया है गरूर
दी है सजा उसने किसी को
जो था बिल्कुल बेकसूर ।
मिलेगा उसे इसका दण्ड
रोयेगा इक दिन हो के मजबूर
बचा नही है यहां पर कोई
पायेगा इक दिन जो किया था जरूर ।
आयेगा इक दिन वो भी राह पर
ढूंढेगा हर जगह कहां मिलता है सरूर
उतर जायेगा उसके सर से भी
अपने बड़े होने का फतूर ।
इक दिन उसका भी नशा उतरेगा
खाली हाथ गया है हर कोई हजूर
हाथ जोड़ कर प्रार्थना कर लेगा
बच जायेगा शायद उनसे जो किये थे कसूर ।।
राज विग