जो ईश्वर को बनाते हैं वो ईश्वर हो नहीं जाते।
गज़ल
1222……1222…….1222……1222
जो ईश्वर को बनाते हैं वो ईश्वर हो नहीं जाते।
जो भोले नाम रखते हैं वो शंकर हो नहीं जाते।
छलकते खूब हैं जो लोग होते अध भरी गागर,
उन्हें दरिया भी कह दो तो समंदर हो नहीं जाते।
नहीं होता है कोई संत सूफी रब की मर्जी बिन,
कलंदर कहने से कोई कलंदर हो नहीं जाते।
सभी के सबसे रिश्ते हैं हरिक रिश्ता अलग होता,
जो दादा नाज़नी’न के हैं वो देवर हो नहीं जाते।
जिन्हें हम प्यार करते हैं, वो हमको प्यार करते हैं।
जो प्रेमी हैं हमारे सबके प्रियवर हो नहीं जाते।
…….✍️ प्रेमी