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20 May 2023 · 1 min read

जो “अपने” का नहीं हुआ,

जो “अपने” का नहीं हुआ,
वो “अपना” क्या होगा?
इस विचार का स्मरण-मात्र
परम-शांतिदायक है।
आज़मा कर देखिए कभी।।

■प्रणय प्रभात■

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