जो अपनी ग़म-ए-उल्फ़त से गिला करते हैं,
जो अपनी ग़म-ए-उल्फ़त से गिला करते हैं,
वफ़ाओं के ख़ज़ाने उन्हीं को मिला करते हैं
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
जो अपनी ग़म-ए-उल्फ़त से गिला करते हैं,
वफ़ाओं के ख़ज़ाने उन्हीं को मिला करते हैं
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”