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29 Sep 2024 · 1 min read

महाकाल

जो अधीन नहि काल के , हैं वही महाकाल
कालातीत उसे कहें , जो वास्तव त्रिकाल ||

रूप भयंकर विकराल सजे, शस्त्र मौत का पाश
नव सिरजन जिसमें छिपा, दिखता है सब नाश ||

काल को जो बांध सके, महाकाल कहलाय
काल पाश मानव रहे, कैसे भेद बताय ||

चमक दमक लिपसा रहित, जीवन हो अध्याय
शांति रुदन सब झूलता, ये सिरजन पर्याय ||

मोह माया विहीन जो , करे सदा कल्याण
राजा रंक फ़क़ीर का , सबको मौत समान ||

मनुज हुआ है बाबरा, डूबा भोग विलास
धन दौलत की मार से, बेहद हुआ विनाश ||

Language: Hindi
1 Like · 33 Views
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