जोर जवानी चुटकी में।
जोर जवानी चुटकी में।
खतम कहानी चुटकी में।
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अमर बेल सी लगती जो।
दुनियां फानी चुटकी में।
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कंकर पत्थर बनते हैं।
राजा रानी चुटकी में
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ऊंचा खड़ा हिमालय हो।
पानी पानी चुटकी में।
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जहर सभी बन जाते हैं।
खाना पानी चुटकी में।
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कब दर बदलें पता नहीं।
दाना पानी चुटकी में।
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रंग सारे खो देती है।
चूनर धानी चुटकी में।
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चीजें होती रहती हैं।
नई पुरानी चुटकी में।
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समय बनाता रहता है।
मूरख ज्ञानी चुटकी में।
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कल की बिटिया होती है।
बड़ी सयानी चुटकी में।
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सच के आगे ढहती है।
गलतबयानी चुटकी में।
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उनके आने की आहट।
शाम सुहानी चुटकी में।
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“नज़र” नज़र से मिलते ही।
नज़र दिवानी चुटकी में।
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Kumar Kalhans