जो दोगे वही पाओगे ..
किसी इंसान का दिल किसी बैंक मे खाता जैसा होता है।जो डालोगे वही बदले में ब्याज सहित मिलेगा ।
प्यार ,ममता ,अपनापन ,करुणा ,इत्यादि सुन्दर भाव डालोगे वही ब्याज सहित दुगुना मिलेगा । अगर नफरत , ईर्ष्या ,द्वेष ,बेगानापन ,बैर ,धोखा ,कपट डालोगे तो
दुगुना मिलेगा ब्याज सहित ।क्योंकि सामने वाला भी
चतुर है ,मूर्ख नही । किसी बुराई / भलाई का बदला
देना वो बखूबी जानता है ।इसीलिए किसी के साथ वैसा ही व्यवहार करो , जैसा तुम अपने लिए चाहते हो । किसी से सम्मान और प्यार चाहिए तो खुद भी देना पड़ेगा ।कोई दो कदम तुम्हारी और बढ़ता है स्वस्थ और खुशनुमा रिश्ते के लिए तो तुम्हे उसकी तरफ चार कदम बढ़ाने चाहिए ।ऐसे ही दूर होते है इंसानी रिश्तों के फासले । अहंकार इंसानों को दूर ले जाता है ,और प्रेम नजदीक लेकर आता है । अब तुम्हे खुद फैंसला करना है तुम्हें किसी के दिल रूपी खाते से प्रेम चाहिए या नफरत ।