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17 Feb 2024 · 1 min read

जेब में

कितने दुखी हो उठते हैं हम
जब करते हैं कमेन्ट
सोशल मीडिया की किसी दुःखभरी पोस्ट पर.
जाग उठती है मानवीयता,
छलक उठता है दर्द,
किसी के दर्द के प्रति.
आँखों की नमी दर्शाते हैं हम
किसी इमोजी के जरिये.
टाइप करते हैं मनोभाव शब्दों में,
और फिर टेक-केयर का रिएक्शन देने के बाद हम,
इंसानियत को फोन के साथ जेब में रखना नहीं भूलते.

Language: Hindi
114 Views

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