Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2024 · 1 min read

जेठ सोचता जा रहा, लेकर तपते पाँव।

जेठ सोचता जा रहा, लेकर तपते पाँव।
मिले गली आषाढ़ की, पा लूँ शीतल छाँव।।

गले लगा आषाढ़ को, कह दूँ अपनी पीर।
तुम्हीं सँभालो अब धरा, डिगता मेरा धीर।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

1 Like · 107 Views
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all

You may also like these posts

मैं वो मिथिला कुमारी हूँ - कोमल अग्रवाल
मैं वो मिथिला कुमारी हूँ - कोमल अग्रवाल
komalagrawal750
अब तो गिरगिट का भी टूट गया
अब तो गिरगिट का भी टूट गया
Paras Nath Jha
तुम्हारी सब अटकलें फेल हो गई,
तुम्हारी सब अटकलें फेल हो गई,
Mahender Singh
हमारा नमन
हमारा नमन
Mahesh Tiwari 'Ayan'
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है...
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है...
Manisha Manjari
आदमी
आदमी
MUSKAAN YADAV
हर वो दिन खुशी का दिन है
हर वो दिन खुशी का दिन है
shabina. Naaz
समय-समय पर कई तरह के त्योहार आते हैं,
समय-समय पर कई तरह के त्योहार आते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
थे कितने ख़ास मेरे,
थे कितने ख़ास मेरे,
Ashwini Jha
#कन्यापूजन
#कन्यापूजन
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कवि के हृदय के उद्गार
कवि के हृदय के उद्गार
Anamika Tiwari 'annpurna '
'ग़ज़ल'
'ग़ज़ल'
Godambari Negi
नई सोच नया विचार
नई सोच नया विचार
कृष्णकांत गुर्जर
संसार की अजीब रीत
संसार की अजीब रीत
पूर्वार्थ
महिला हमारी जननी , महिला हमारी पूरक
महिला हमारी जननी , महिला हमारी पूरक
Girija Arora
पाती कर दे
पाती कर दे
Shally Vij
4169.💐 *पूर्णिका* 💐
4169.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बीजः एक असीम संभावना...
बीजः एक असीम संभावना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन ये हर रंग दिखलाता
जीवन ये हर रंग दिखलाता
Kavita Chouhan
वाणी
वाणी
Shutisha Rajput
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
Ravi Prakash
बचपन,
बचपन, "बूढ़ा " हो गया था,
Nitesh Kumar Srivastava
निज प्रभुत्व में हैं जीते जो
निज प्रभुत्व में हैं जीते जो
Arvind trivedi
बाकई में मौहब्बत के गुनहगार हो गये हम ।
बाकई में मौहब्बत के गुनहगार हो गये हम ।
Phool gufran
*सुप्रभातम*
*सुप्रभातम*
*प्रणय*
Gulab
Gulab
Aisha mohan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
यादों की कसक
यादों की कसक
Sakhi
इबादत आपकी
इबादत आपकी
Dr fauzia Naseem shad
अरुणोदय
अरुणोदय
Manju Singh
Loading...