*जूठन*
होस्टल से आज ही आई सीमा अपनी माँ-पिता के साथ विवाह समारोह में जाने के लिए तैयार हो रही थी।आज उसकी मौसेरी बहन की शादी थी।शादी में पहुँचते ही सीमा अपने मनपसंद व्यंजनों पर टूट पड़ी।शादी में सभी लोग कुछ व्यंजन तो खा रहे थे और कुछ को झूठा ही फेंक रहे है।सीमा ये सब देख हैरान परेशान सी थी।बारात की इंतजार थी जो अभी नहीं आई थी।थोड़ी देर बाद पता चला दुल्हन ब्यूटी पार्लर से ही किसी ओर लड़के के साथ भाग गई है।लड़की वालों की इज़्जत पर बात आई तो सीमा को जबरदस्ती उसकी मौसेरी बहन के पति के साथ शादी करने के लिए मनाने लगे।दोनों घरों की इज़्जत रखने लिए सीमा के माता-पिता को भी हामी भरनी पड़ी।अब सीमा हक्की-बक्की खड़ी यही सोच रही थी कि जो लोग थाली में व्यर्थ ही झूठा भोजन फेंक रहे हैं वो जूठन है या फिर वो इन्सान जो आज उसका जीजा होने वाला था परंतु उसे वह पति के रूप में अपनाने जा रही है वह जूठन है।
10जून 2:50pm
✍माधुरी शर्मा “मधुर”
अम्बाला हरियाणा ।