जुल्म
फूलों को दोस्त बनाया
कांटें चुभो दिये
जान से ज्यादा प्यारे थे
उन्होंने खंजर खुबो दिये ।
जिन्दगी मे जो चले थे साथ
आज सहारे छोड़ दिये
बंधे थे माला के धागे से
उन्होंने मोती बिखेर दिये ।
हजार दिल के टुकड़े कर
कई ख्वाब उजाड़ दिये
जिन्दगी की किताब के पन्ने
उन्होंने सरे आम जला दिये ।
छीन कर होठों की हंसी
वो बेदर्द मुस्करा दिये
आंखों के झरने रूकते नही
उन्होंने कितने जुल्म ढा दिये ।।
राज विग 13.07.2019.