Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2018 · 1 min read

जुल्फे उनकी

दरवाजे हमारे जब उन्होने खटखटाये
उनको सामने पाकर हम फुले न समाये

जो नजरो से उनकी हमने नजरे मिलाई
थे होश मे पर जुबां हमारी लड़खड़ाये

जिसे खुदा ने बनाया क्या तारीफ करे
बस ये समझे उन्हे देख राहत मिल जाये

जुलफे उसकी नागिन सी बनी हुई थी
बचना फिर भला कैसे मुमकिन हो पाये

मोहन है बैठा उस पर सब कुछ लुटाये
जिंदगी को अपनी बड़े मजे मे बिताये

323 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*Rising Waves*
*Rising Waves*
Veneeta Narula
हर एकपल तेरी दया से माँ
हर एकपल तेरी दया से माँ
Basant Bhagawan Roy
चिराग आया
चिराग आया
Pratibha Pandey
*** एक दौर....!!! ***
*** एक दौर....!!! ***
VEDANTA PATEL
🙅आज का मत🙅
🙅आज का मत🙅
*प्रणय*
*नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)*
*नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)*
Ravi Prakash
मेरा प्यार
मेरा प्यार
Shashi Mahajan
रावण दहन हुआ पर बहराइच में रावण पुनः दिखा।
रावण दहन हुआ पर बहराइच में रावण पुनः दिखा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
छन्द- वाचिक प्रमाणिका (मापनीयुक्त मात्रिक) वर्णिक मापनी – 12 12 12 12 अथवा – लगा लगा लगा लगा, पारंपरिक सूत्र – जभान राजभा लगा (अर्थात ज र ल गा)
छन्द- वाचिक प्रमाणिका (मापनीयुक्त मात्रिक) वर्णिक मापनी – 12 12 12 12 अथवा – लगा लगा लगा लगा, पारंपरिक सूत्र – जभान राजभा लगा (अर्थात ज र ल गा)
Neelam Sharma
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
!! कौतूहल और सन्नाटा !!
!! कौतूहल और सन्नाटा !!
जय लगन कुमार हैप्पी
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
आइये हम ये विचार करें
आइये हम ये विचार करें
Dr.Pratibha Prakash
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
Ravikesh Jha
राहें  आसान  नहीं  है।
राहें आसान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
शीशे को इतना भी कमजोर समझने की भूल मत करना,
शीशे को इतना भी कमजोर समझने की भूल मत करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अंत बुराई का होता है
अंत बुराई का होता है
Sonam Puneet Dubey
जिंदगी का सफर है सुहाना, हर पल को जीते रहना। चाहे रिश्ते हो
जिंदगी का सफर है सुहाना, हर पल को जीते रहना। चाहे रिश्ते हो
पूर्वार्थ
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* सखी  जरा बात  सुन  लो *
* सखी जरा बात सुन लो *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शारदे देना मुझको ज्ञान
शारदे देना मुझको ज्ञान
Shriyansh Gupta
उसने आंखों में
उसने आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
सगीर गजल
सगीर गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सनातन की रक्षा
सनातन की रक्षा
Mahesh Ojha
कब्र से उठकर आए हुए लोग,
कब्र से उठकर आए हुए लोग,
Smriti Singh
"शिक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
Harminder Kaur
Loading...