[[ जुबाँ अपनी मुहब्बत में कभी बोले नही होंगे ]]
? जुबाँ अपनी मुहब्बत में कभी बोले नही होंगे
दबे है राज जो दिल में , कभी खोले नही होंगे १
लगे है लाख जो पहरे , मुहब्बत में , सनम लाखों
मुहब्बत में , मगर पहरे , कभी टिकते नही होंगे २
शमां रोशन हुई है आज देखों चाँद तारों से
अँधेरे पास में लेकिन , कभी भटके नही होंगे ३
नही आसान होते है मुहब्बत के सफर देखो
गये जो छोड़कर मुझकों , मगर भूले नही होंगे ५
बहुत रोये मगर ये हौसला उनसे मिला मुझ को
किसी के ख्वाब यूँ मेरी तरह हँसते नहीं होंगे ५
सजा कर ख्वाब को दिल में यहाँ माँगी दुआएं थी
अधूरे ख्वाब जो दिल के कभी पूरे नही होंगे ६
अधूरी सी मुहब्बत की अधूरी सी कहानी है
यकीं है यार मुझको वो कभी मेरे नही होंगे ७
मुहब्बत तुम करो जिनसे सदा ही टूटकर करना
मुहब्बत में कभी रुख़सार भी गीले नही होंगे ८
गुजारी है कई रातें उन्ही की याद में हमने
हमारी याद में , वो रात भर , सोते नही होंगे ९
सनम जब रात आती है नही फिर नीद आती है
तुम्हारी याद में मोती , बता गिरते नही होंगे १०
नितिन ने ख़्वाब देखे थे मुहब्बत में बहुत लेकिन
मगर जो ख्वाब देखे थे फले फूले नही होंगे ११