Upon waking up, oh, what do I see?!!
कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
*अमरीका से डर रहे, दुनिया के सब देश (कुंडलिया)*
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
अगर आज मेरे पास भी शोहरत और पैसा होता तो हम भी आज हर किसी की
" हो सके तो किसी के दामन पर दाग न लगाना ;
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
कोई तुम्हें टूट के चाहे तो क्या कीजिए,
दिल की हसरत सदा यूं ही गुलज़ार हो जाये ।
हर किसी में आम हो गयी है।