जुदाई
जुदाई हो ना फ़ासला देना।
हर वक्त साथ हौंसला देना।।
नजदीक या तुम दूर रहो।
पर कभी जुदाई नहीं सहो।।
जुदा जो वही जुदाई दर्द जाने।
वे बिना शर्त जुदाई पहचाने।।
तेरे जाने के बाद छोड़ दिया।
मिलने से है मुख मोड़ लिया।।
तेरी याद प्रार्थना सी हो गई है।
नज़र न आवै ईश सी हो गई है।।
एक झलक भी औझल हो गई।
न जाने जगत में कहाँ खो गई।।
दुनिया की भीड़ में ‘पृथ्वीसिंह’।
दे कुछ भी पर दर्द न दे जुदाई।।