Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
बदनाम बनारसी
47 Followers
Follow
Report this post
8 Jun 2023 · 1 min read
जुदाई
कितना मुश्किल है ये तजरुबा करना,
अपने दिल को दिल से जुदा करना ।
© बदनाम बनारसी
Competition:
Poetry Writing Challenge
Language:
Hindi
Tag:
जुदाई
,
मुक्तक
Like
Share
2 Likes
· 281 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
भोला-भाला गुड्डा
Kanchan Khanna
" सवाल "
Dr. Kishan tandon kranti
भी जीत का हकदार हैं.
पूर्वार्थ
न काज़ल की थी.......
Keshav kishor Kumar
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सफलता
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
Rejaul Karim
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
Ranjeet kumar patre
अलाव की गर्माहट
Arvina
घर - परिवार
manorath maharaj
श्याम-राधा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
प्रोटोकॉल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पाहन भी भगवान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
नेता जी
Sanjay ' शून्य'
3226.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाय दिवस
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
कौन सी जमात में पढ़ती हो तुम मोहल्ले के लड़के बता रहे थे बड़
Rj Anand Prajapati
यार
अखिलेश 'अखिल'
* लोकतंत्र महान है *
surenderpal vaidya
एक साथ मिल बैठ जो ,
sushil sarna
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी,
Rituraj shivem verma
If.. I Will Become Careless,
Ravi Betulwala
स्तुति - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
व्यस्तता
Surya Barman
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
शिव प्रताप लोधी
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
Phool gufran
होके रुकसत कहा जाओगे
Awneesh kumar
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...