जी_हाँ_मैं_बिहारी_हूँ।
#जी_हाँ_मैं_बिहारी_हूँ।
हम वो बिहार है जिसने देश को सबसे पहले जीरो का ज्ञान दिया था। यही वो राज्य है जिसने आजाद भारत को प्रथम राष्ट्रपति के रूप में राजेंद्र प्रसाद को जन्म दिया था। न जाने इस तरह के कितने लोग हैं जिसने बिहार से होते हुए देश और दुनिया को ना जाने क्या क्या दिया है।
बिहार जिसके नाम से ही महान धर्म बौद्ध धर्म का नाम जुड़ा हुआ है। यही वो धरती है जहाँ पर प्राचीन काल का सबसे प्रतापी शासक सम्राट अशोक का जन्म हुआ था जिसने इतिहास में अपना नाम एक ऐसे लकीर से लिख कर गया है ,जिसे शायद इतिहास के पन्नो से मिटाना असंभव है।
बिहार भगवान बुद्ध की भी स्थली है जहाँ शांति और ज्ञान के उपदेश दिए जाते थे। इन सभी को मिलाकर भारत की आध्यात्मिक संस्कृति से बिहार को जोड़ा जाता है।
बिहार के इतिहास को ही देखा जाए तो पता चलता है की कई सारे सामाजिक परिवर्तन भी बिहार से आरम्भ हुआ है। ऐसा लगता है की भारत के इतिहास का एक बड़ा हिस्सा बिहार के इतिहास में ही समाहित है। तो अगर कोई आपको कहे बिहारी तो गर्व से कहिए की हाँ मैं बिहारी हूँ। अपनी पहचान को हम पहचाने तो दुनिया हमको पहचानेगी।
दुनिया का सबसे पहला गणतंत्र बिहार के वर्तमान वैशाली जिला के लिच्छवि को विश्व का पहला गणतंत्र होने का मान्यता प्राप्त है।
सिख धर्म के आखरी गुरु गुरुगोविंदसिंह का जन्म भी बिहार के राजधनी पटना में ही हुआ था। यही कारण है की आज पटना साहिब सिखों का एक महान पवित्र स्थल माना जाता है।बिहार धर्म की भूमि के साथ आंदोलन की भूमि रही है। और बिहार ही ज्ञान की भूमि रही। यही वो बिहार है जहाँ के नालंदा विश्वविद्यालय में देश-विदेश से छात्र ज्ञान प्राप्त करने आते थे। बिहार ही वो भूमि है जहाँ के चम्पारण से महात्मा गाँधी से आजादी की लड़ाई आरम्भ की थी।
आज के दौर में राजनीती में जिस कूटनीति का प्रयोग होता है उस कूटनीति को भी पढ़ाने वाले चाणक्य भी बिहार के ही मिट्टी से जन्मे थेऔर एक महान शासक चन्द्रगुप्त को तैयार किया था। जिन्होंने रामायण लिखी वो महात्मा बिहार के मिट्टी से उपजे। बात अगर आध्यात्म की हो या फिर विज्ञान की तो दुनिया को सर्जरी का ज्ञान भी देने वाले पहले बिहार से ही थे। सर्जरी के जन्मदाता सुरसरूत भी बिहार से ही थे।
दुनिया को गणित का ज्ञान देने वाले भी बिहार के मिट्टी से जन्मे थे। जीरो का ज्ञान देने वाले आर्यभट्ट भी बिहार के ही थे। बात अगर राजा की करें तो इतिहास में सम्राट अशोक को महानतम शासक माना जाता है वो भी बिहार के ही थे। हमें गर्व है कि भारत के तिरंगे के बीचो-बिच बने अशोकचक्र भी भारतीय झंडे की केंद्र में है जो बिहार से संबंधित है ।
मै आपसे यही कहूंगा की बिहार का अर्थ जिसने भी समझ लिया है वो गर्भ से कहेगा की मैं बिहारी हूँ। आज के बाद मैं आशा करता हूँ की किसी भी बिहारी को बिहार से होने में शर्मिंदगी नहीं बल्कि हमेशा फक्र होगा की जी हाँ मैं बिहारी हूँ। और मुझे इस बात का गर्व है की मै बिहार के इस महान धरती पर जन्म लेने का सौभाग्य प्राप्त किया हूँ।
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