*जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
_________________________
1)
जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे
नाद-ब्रह्म का शोध करेंगे, प्रभु के दर्शन पाऍंगे
2)
इस जीवन का निहित अर्थ है, अमर-तत्व को पा जाना
अमर-तत्व को खोज-खोज हम, जीवन सफल बनाऍंगे
3)
क्या चिंता यदि आज मर गए, या कल-परसों मौत हुई
चिंता है बस यही लक्ष्य क्या, पूरा करके जाऍंगे
4)
लटके हुए अधर में हैं हम, जाने कितने जन्म गए
इसी जन्म में अब क्या प्रभु जी, बेड़ा पार लगाऍंगे
5)
रोग-बुढ़ापा सौ-सौ झंझट, दुनिया में आते-जाते
सॉंसों का संतुलन साध हम, भीतर अलख जगाऍंगे
6)
हमें और दो थोड़ी सॉंसें, यात्रा प्रभु अभी अधूरी
पूर्ण तत्व को जब पा लेंगे, कभी नहीं घबराऍंगे
—————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451