जीवा-2
जीवा की बेताबी कम नही हो रही थी तभी सुशी आई भागी भागी ओर चिल्ला कर बोली
“अंकल ऑन्टी ,सब बाहर आओ एक बात बतानी थी, जल्दी आइये, नंदन भाई मौलिक भाई चाचा चाची सब बाहर आइये,अब नही रुक सकती पेट दर्द से मर जाऊंगी। सब भागे भागे बाहर आये और एक साथ बोले “ये लड़की तूफान है हुआ क्या है बताएगी, सबकी जान निकल रही है ऐसी क्या बात है जो इतना शोर मचा रही है”
सुशी बोली ” रिजल्ट आ गया है और मैं ओर जीवा स्टेट में फर्स्ट आये है , दो दिन बाद स्कूल में फंक्शन है जहां पर हमें प्राइज दिया जाएगा और सरकार की तरफ से भी हमे स्कोलरशिप मिली है । तो है ना एके धमाकेदार खबर, ये सुन कर जीवा मौलिक नंदन नाचने लगे। पर थोड़ी देर बाद पता नही क्या हुआ जो जीवा एक दम से गिर गयी और बेहोश हो गयी सब अचानक से हैरान हो गए नंदन ने डॉक्टर को बुलाया डॉक्टर ने कहा “कुछ नही हुआ, ज्यादा खुशी बर्दाश्त नही हुई जीवा से इसलिये वो बेहोश हो गयी। “पर कोई नही जानता था कि जीवन का आने वाला कल उसके फ्यूचर को खत्म कर देगा ये बेहोशी उसकी जिंदगी में काला स्याह अंधेरा बन के घर कर जाएगी और उसकी लाइफ उसके सपने सब एक कमरे में बंद हो कि रह जाएंगे।
कुछ वक्त बाद जीव को होश आता है उसको बहुत अजीब लगता है कि उसके आस पास इतनी भीड़ क्यों है जब वो मौलिक को पूछती है तो वो उसको चिड़ाते हुए कहता है कि वो भूत देख कर डर गई और बेहोश हो गयी। जीव चिड़ जाती है ओर इसको मारने के लिए भागती है कि एकदम से उसकी आँखों के आगे अंधेरा आ जाता है और वो दीवार से टकरा कर फिर से बेहोश जाती है और उसके सर से खून बहने लगता है ये देख कर मौलिक डर जाता है और चिल्लाने लगता है उसकी आवाज़ सुन कर नंदन ओर चाची बाहर आते है जीवा की ये हालत देख कर घबरा जाते ह ओर जीवा के पापा को फोन करते है और
उनको हॉस्पिटल आने की कहते है जब वो उसे हॉस्पिटल ले कर पहुंचते हैं तब तक जीवा का बहुत खून बह जाता है जहाँ पर जीवा के पापा पहले से ही डॉक्टर को सारी बात बता कर उनको हालात की जानकारी दे चुके थे हॉस्पिटल में एंटर करते ही डॉक्टरों ने जीव को सीधे आपरेशन थिएटर में ले लिया और उसका इलाज शुरू किया
दो घण्टे बाद जब डॉ बाहर आये तो सब बाहर ही खड़े थे बोले “अब ठीक है वो, पर होश में आने पर देखते है कैसे रिस्पांस देती है सर पर चोट लगी है और दिमाग पर भी असर हो सकता है hope so sb thik ho होश में आने पर ही पता पड़ेगा अब सब, दुआ कीजिये उसका दिमाग सही हो ओर कहीं अंदर कोई चोट न हो जिसकी वजह से उसकी याददाश्त पर असर हो।
पांच घण्टे बाद जीवा को होश आता है सबको देख कर वो चोंक जाती है और चिल्लाने लगती है डॉक्टर उसको फिर से बेहोशी का इंजेक्शन देकर सुला देते है ।
बाहर आकर उसके पापा को बोलते है कि शायद इस चोट का असर इसके दिमाग पर हुआ है जिसकी वजह से ये सदमे में है आपको इसका बहुत ध्यान रखना होगा अभी कुछ दिन तक हम इसे यहीं रखेंगे और देखते है और कोई प्रंबल्म तो नही है इसको।
अब यहां पर सिर्फ एक ही इंसान रुक सकता है अब देख लीजिए कौन रुकेगा कौन जाएगा ।
बहुत अमीर नही थे जीवा के पापा पर जैसे तैसे करके उसका इलाज तो कराना था और कर रहे थे
तीन दिन बाद डॉक्टर जीवा को छुट्टी दे देते है उसके पापा को एक शॉकिंग न्यूज़ के साथ कि जीवा को एक ऐसी बीमारी हो गयी जिसमे वो कुछ भी याद नही रख पाएगी।