जीवन
नित नये अवसर है जीवन
नित नई संभावना जीवन,
बुद्धि विवेक जागे तो समझे
जीवन धर्म, धर्म ही जीवन।
मृत्युपर्यंत पुण्य मे जीवन
सत्य मर्म को समझे जीवन,
विपरीत काल आपदा संबल
संयम संस्कार सत्संग जीवन।
जलचर थलचर नभचर जीवन
कीट पतंग दृष्य अदृष्य जीवन,
समझे न समझे वनस्पति विज्ञान
चहुंओर दृष्टिगोचर है जीवन।
प्राणी आदर निजता जीवन
स्वाभिमान सम्मान है जीवन,
सूर्य चंद्र ब्रम्हांड प्रकृति अंग
प्रभु कृति है अनुपम जीवन।
स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297