Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2020 · 1 min read

जीवन

मिलता है विषाद इसमें
इसमें ही मिलता हर्ष है
कहते हैं इसको जीवन
इसका ही नाम संघर्ष है

दोनों रंगों में यह दिखता
कभी श्याम कभी श्वेत में
कुछ मिलता कुछ खो जाता
रस जीवन का है द्वैत में

लक्ष्य होते हैं पूर्ण कई
थोड़े शेष भी रह जाते हैं
स्वप्न कई सच हो जाते
कुछ नेत्रों से बह जाते हैं

चाहे बिछे हों पथ में कांटे
लगने लगे मार्ग कठिन
पथिक कभी रुकते नहीं
देखकर बाधा व विघ्न

कोई करता प्रेम अपार
हृदय में किसी के कर्ष है
कहते हैं इसको जीवन
इसका ही नाम संघर्ष है

✍️ आलोक कौशिक

संक्षिप्त परिचय:-

नाम- आलोक कौशिक
शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य)
पेशा- पत्रकारिता एवं स्वतंत्र लेखन
साहित्यिक कृतियां- प्रमुख राष्ट्रीय समाचारपत्रों एवं साहित्यिक पत्रिकाओं में सैकड़ों रचनाएं प्रकाशित
पता:- मनीषा मैन्शन, जिला- बेगूसराय, राज्य- बिहार, 851101,
अणुडाक- devraajkaushik1989@gmail.com
चलभाष संख्या- 8292043472

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता के मीत प्रवासी- से
कविता के मीत प्रवासी- से
प्रो०लक्ष्मीकांत शर्मा
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
Neelam Sharma
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
Paras Nath Jha
तेरी यादों के साये में
तेरी यादों के साये में
हिमांशु Kulshrestha
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
25 , *दशहरा*
25 , *दशहरा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
अगर प्यार तुम हमसे करोगे
अगर प्यार तुम हमसे करोगे
gurudeenverma198
साक्षात्कार- पीयूष गोयल दर्पण छवि लेखक
साक्षात्कार- पीयूष गोयल दर्पण छवि लेखक
Piyush Goel
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
परम तत्व का हूँ  अनुरागी
परम तत्व का हूँ अनुरागी
AJAY AMITABH SUMAN
16.5.24
16.5.24
sushil yadav
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
Ravi Prakash
शायरी का बादशाह हूं कलम मेरी रानी अल्फाज मेरे गुलाम है बाकी
शायरी का बादशाह हूं कलम मेरी रानी अल्फाज मेरे गुलाम है बाकी
Ranjeet kumar patre
कल तो निर्मम काल है ,
कल तो निर्मम काल है ,
sushil sarna
एकरसता मन को सिकोड़ती है
एकरसता मन को सिकोड़ती है
Chitra Bisht
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रेम वो भाषा है
प्रेम वो भाषा है
Dheerja Sharma
दरवाज़े का पट खोल कोई,
दरवाज़े का पट खोल कोई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
शेखर सिंह
🙅एक सवाल🙅
🙅एक सवाल🙅
*प्रणय*
सत्य तत्व है जीवन का खोज
सत्य तत्व है जीवन का खोज
Buddha Prakash
𑒂𑓀𑒑𑒳𑒩𑒹 𑒣𑒩 𑒪𑒼𑒏 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒑𑒱𑒢𑒪 𑒖𑒰 𑒮𑒏𑒻𑒞 𑒕𑒟𑒱
𑒂𑓀𑒑𑒳𑒩𑒹 𑒣𑒩 𑒪𑒼𑒏 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒑𑒱𑒢𑒪 𑒖𑒰 𑒮𑒏𑒻𑒞 𑒕𑒟𑒱
DrLakshman Jha Parimal
27-28 साल की बिन ब्याही लड़कियाँ और बेरोज़गार लड़के, धरती पर
27-28 साल की बिन ब्याही लड़कियाँ और बेरोज़गार लड़के, धरती पर
पूर्वार्थ
मेरी कलम आज बिल्कुल ही शांत है,
मेरी कलम आज बिल्कुल ही शांत है,
Ajit Kumar "Karn"
"बागबान"
Dr. Kishan tandon kranti
निर्वात का साथी🙏
निर्वात का साथी🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अगर हो दिल में प्रीत तो,
अगर हो दिल में प्रीत तो,
Priya princess panwar
दो शे'र - चार मिसरे
दो शे'र - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
2780. *पूर्णिका*
2780. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...