जीवन
जीवन, कैसे कैसे खेल दिखाता ।
पल में हँसाता, पल में रुलाता ।
जो होते जीवन मे सबसे प्यारे ,
छीन उन्हें हमसे वो ले जाता ।।
जग में कर हमे अकेला ।
दे जाता दुःख की बेला ।
रोज रोज आँसू बहाते,
कर याद खुशियों का मेला ।।
किस किस को दूँ मैं दोष ।
किस किस को रहूँ कोस ।
यह तो है जीवन का खेल,
कभी हर्ष है तो कभी रोष ।।
रखकर जीवन मे संयम ।
पीछे छोड़कर सारे गम ।
आगे बढ़ो जीवन पथ पर,
फिर दूर होगा सारा तम ।।
।।जेपीएल।।