जीवन
अदभुत सा कैसा जीवन है,
सुख दुख का इसमें संगम है,
हर्षित मन हो सुख में हरदम,
दुख में विचलित रहता मन है,
पुष्प रहे काँटों में हमेशा,
ऐसा हम सबका उपवन है,
काँटे देते जख्म सभी को,
पुष्पों से सुगन्धित आँगन है,
काले बादल आयें घिर घिर,
करते बूँदों की रिमझिम हैं,
इंद्रधनुषी रंग में लिपटा,
अपना प्यारा यह सावन है,
कदम कदम पर है मुश्किल,
जीवन की राहें दुर्गम हैं,
शोलों पर चलकर ही राही,
पाता मंजिल की शबनम है।।
By:Dr Swati Gupta