जीवन होगा फिर से सुंदर…
कब थमेगा,
कब रुकेगा,
यह रोग का शोक,
कब से सूने है चौक,
पुकार रही गली गली,
लौटा दे हँसी खिली खिली,
कैसा बरस रहा कहर,
यह कोरोना का जहर,
आसमान भी उगल रहा आग,
चहुँओर से खतरा कहाँ जाए हम भाग,
फसलों पर टिड्डी दल टूटा,
बेरोजगारी ने भी अब लूटा,
हम मजदूर हुए,
हम मजबूर हुए,
देखो सरकार साथ है,
बढ़ा रही अपने हाथ है,
उनकी आज्ञा का पालन कर,
मिटेगी तेरी भूख अब न डर,
क्यों इतना कर बैठा हठ,
सहयोग कर चल झट उठ,
मन में तू रख विश्वास,
इतनी जल्दी छोड़ न आस,
यह रोग थमेगा,
यह रोग रुकेगा,
फिर से होगी भौर,
फिर आएगा अपना दौर,
खिल उठेगी फूलों की कलियाँ,
चहल पहल करेंगी तेरी गलियाँ,
जीवन होगा फिर से सुंदर,
खुशियाँ लौटेगी हर दर,