जीवन है मेरा
जीवन है मेरा
अधिकार है मेरा
स्वीकार है मेरा
अस्वीकार है मेरा
मेरी हदो का
आकाश है मेरा
मैं हूं तो है
अस्तित्व ये मेरा
जो मैं न रहूं तो
क्या अस्तित्व है मेरा ?
मेरी ये ज़िद
आधार है मेरा
मेरी ही सोच है
विचार है मेरा
मुझसे ही बस मुझ तक
विस्तार है मेरा।
— डॉ फौज़िया नसीम शाद