जीवन है जी लो न
माना मन में मायूसियों का डेरा है
माना हर ओर छाया अंधेरा है
चोखट पर लटके तालों को
मन के भीतर लटके जालों को
जाने दो नं
जीवन है जी लो न
थोड़ा कम सा थोड़ा गम सा
पी लो न
मत छोड़ो यह रण
मृत्यु से पहले ही मरण
#किसानपुत्री_शोभा_यादव