“ जीवन साथी”
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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मुझे तुम साथ लेलौगे
नहीं कुछ और मैं चाहूँ
तुम्हारे साथ ही रहकर
मिलन के गीत मैं गाउँ
चलेंगे साथ ही मिलके
नई दुनियाँ बसायेंगे
रहेंगे प्यार से दोनों
जमाने को दिखायेंगे
कभी थक जायेंगे हमतो
सहारा तुमको बनना है
कदम जो लखड़ाये तो
दिलासा तुमको देना है
कहीं रुकना नहीं हमको
हमें मंज़िल को पाना है
रुकाबट मिल भी जाए तो
उसे मिलकर हटाना है
समय है साथ रहने की
नहीं तुम दूर अब जाओ
बनो तुम हमसफ़र मेरा
मेरे सँग गीत तुम गालो !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल “
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
24.12.2023