*जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है (राधेश्या
जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है (राधेश्यामी छंद )
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जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है
रुखा-सूखा खाकर भी घर, नंदनवन-सा हो जाता है
पत्नी-पति परम भाग्यशाली, जिनके भीतर कुछ बैर नहीं
दुख अगर पास में फटका भी, तो समझो उसकी खैर नहीं
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 61 5451