जीवन सत्य
सत्य यही है इस जीवन में,
तन विशेष, न धन विशेष,
इस मानव का जीवन अशेष।
पावन पुण्य किये होंगे,
जो मानव तन को पाया।
धर्म कर्म के साथ समन्वय करके,
जीवन सफल बनाया ।
संसार करेगा याद यहाँ
यदि सत्कर्मों की गठरी तेरी रह जाएगी शेष।
सत्य यही है इस जीवन में
जीवन पाते और बिताते जग में
देखे गए असंख्य यहाँ पर।
कोई मूल्य नहीं है उनका जो छोड़ गए हैं देश।
सत्य यही है इस जीवन में
कार्य महान किये जिसने हैं
स्वर्णिम वर्णों में नाम उन्हीं का
है इतिहासों में लिखा शेष।।
सत्य यही है इस जीवन में।
तन विशेष, न धन विशेष,
इस मानव का जीवन अशेष।