Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2022 · 1 min read

जीवन, सत्य, व्यथा

रिश्तो में यूं एक दूसरे की गलतियां बताया नहीं करते
जो अपने हैं अपनापन जताया नहीं करते
माना की गलतियां की है मैंने,
पर क्या आप सही हो?
चलो मान लिया कि बदल गए हैं हम,
पर क्या आप अब भी वही हो?
गलतियां कौन नहीं करता इस जहां में,
पर कोई हमेशा सही तो नहीं हो सकता
आप तो रो लेते हैं अपने गम दिखाने को
पर मैं? मैं तो रो भी नहीं सकता .
चलो जाने दो जो हुआ सो हुआ अब भुलाते हैं
आज से खुशियों का नया घर बसाते हैं।।

©अभिषेक पाण्डेय अभि

48 Likes · 4 Comments · 364 Views

You may also like these posts

कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
बात बनती हो जहाँ,  बात बनाए रखिए ।
बात बनती हो जहाँ, बात बनाए रखिए ।
Rajesh Tiwari
जीवन सूत्र (#नेपाली_लघुकथा)
जीवन सूत्र (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सखि री!
सखि री!
Rambali Mishra
जिसके पास ज्ञान है,
जिसके पास ज्ञान है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय*
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
Priya princess panwar
सब तेरा है
सब तेरा है
Swami Ganganiya
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
बेसब्री
बेसब्री
PRATIK JANGID
बिजी तो हर कोई होता है,लेकिन अगर उनकी लाइफ में आपकी कोई वैल्
बिजी तो हर कोई होता है,लेकिन अगर उनकी लाइफ में आपकी कोई वैल्
Ranjeet kumar patre
खण्डहर
खण्डहर
OM PRAKASH MEENA
जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी की किताब में
Mangilal 713
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
उम्र चाहे जितनी हो दिलों में प्यार होना चाहिए।
उम्र चाहे जितनी हो दिलों में प्यार होना चाहिए।
लक्ष्मी सिंह
ऋतु बसंत
ऋतु बसंत
Karuna Goswami
ग़ज़ल _ शरारत जोश में पुरज़ोर।
ग़ज़ल _ शरारत जोश में पुरज़ोर।
Neelofar Khan
संघर्षों की
संघर्षों की
Vaishaligoel
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
पूर्वार्थ
गीत- किसी का मर्ज़ समझेगा...
गीत- किसी का मर्ज़ समझेगा...
आर.एस. 'प्रीतम'
इन रेत के टुकडों से तुम दिल बना ना पाये।
इन रेत के टुकडों से तुम दिल बना ना पाये।
Phool gufran
*रक्षाबंधन का अर्थ यही, हर नारी बहन हमारी है (राधेश्यामी छंद
*रक्षाबंधन का अर्थ यही, हर नारी बहन हमारी है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
बेज़ुबान पहचान ...
बेज़ुबान पहचान ...
sushil sarna
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
Mamta Singh Devaa
- तुम्हारी व्याख्या -
- तुम्हारी व्याख्या -
bharat gehlot
मन की मनमानी से हारे,हम सब जग में बेचारे।
मन की मनमानी से हारे,हम सब जग में बेचारे।
Rituraj shivem verma
*....आज का दिन*
*....आज का दिन*
Naushaba Suriya
सर्वोत्तम उपाय
सर्वोत्तम उपाय
Dr. Bharati Varma Bourai
जल प्रवाह सा बहता जाऊँ।
जल प्रवाह सा बहता जाऊँ।
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
Rj Anand Prajapati
Loading...