जीवन संघर्ष
जीवन है सघंर्ष जो अविराम चलता रहेगा
आना और जाना होगा तय धुरी करता रहेगा
कितने ही बाँध बाँधे कितने प्रवाह रोके हमने
पर सृष्टि सृजन नित नये रूप गढता रहेगा
जीवन —–
कोविड 19 सोचा नहीं पर सपना वो देखा है
उससे हम जीते पर अम्फान निसर्ग झेला है
चाँदनी पांव पसारे जिस मखमली आंगन में
उस आंगन शूलों पर पांव रखना सीखा है
जीवन —–
संघर्ष सफलता का नाम ज्ञात हो इन्सान को
एक रोज जग को छोड़ जाएगा शमसान को
याद तुझे न कर याद करे तेरे सत कर्म को
अब तलक सारे बसन्त देखे फिर भी रहे अधूरे अरमां
जीवन ——–