जीवन संग्राम ही तो है
जीवन, संग्राम ही तो है
जीवन, संग्राम ही तो है।
जो हमने भुगता, जो हमने पाया,
जो आज हमारे पास है ,
वो कल का अंजाम ही तो है।
जीवन, संग्राम ही तो है ।
जीवन, संग्राम ही तो है ।।
आज की मेहनत, आज की लगन,
आज की आशा कल फलीभूत होगी,
कुछ अच्छी बन कर,
ये भी अनुमान ही तो है।
जीवन, संग्राम ही तो है ।
जीवन, संग्राम ही तो है ।।
कुछ खट्टा, कुछ मीठा,
दर्द-गम, खुशियों में बीत रहा,
निरंतर उत्साहित करता,
ऐसा वर्तमान ही तो है ।
जीवन, संग्राम ही तो है।
जीवन, संग्राम ही तो है ।।
लाख कोशिशें, हज़ारों असफलताएं,
‘हूंगा कामयाब’ इसी उम्मीद में
एक और कोशिश करता,
मानव, नादान ही तो है।
जीवन, संग्राम ही तो है ।
जीवन, संग्राम ही तो है ।।
जब आया हूं तो संघर्ष करूंगा,
मनुष्य मुकाबला कर,
लगातार परिस्थितियों से लड़,
कभी हार ना मानना,
तेरी पहचान ही तो है।
कभी हार ना मानना तेरी पहचान ही तो है।
जीवन, संग्राम ही तो है ।
जीवन, संग्राम ही तो है ।
जीवन संग्राम ही तो है।।
– घनश्याम शर्मा