Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2017 · 1 min read

@@ जीवन संगिनी @@

तुमको देख कर ,मुझे मुस्कुराना आ गया
जीवन में मेरे अंधकार था, उजाला आ गया
चला जा रहा था ,न जाने कौन सी डगर पर
तुमको पाकर जीवन मेरा संवरता चला गया !!

लाख कोशिश की थी, मैने अपनी राह पकडने की
पर वो धरातल न मिल सका ,जिन्दगी को मेरे
वो शायद जिन्दगी का खास ,लम्हा था मेरे लिए
जिस में तुम को मैं, पाकर सजता चला गया !!

विधि का विधान ही कुछ ऐसा था, औ मेरे सनम
एक डोर को बंधने में समां ,पास आता चला गया
हो गयी दो आत्मा ,एक दूजे के पास इस तरह
दो बिछडे हुए दिलो का समां मिलाता चला गया !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1234 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
के श्रेष्ठ छथि ,के समतुल्य छथि आ के आहाँ सँ कनिष्ठ छथि अनुमा
के श्रेष्ठ छथि ,के समतुल्य छथि आ के आहाँ सँ कनिष्ठ छथि अनुमा
DrLakshman Jha Parimal
दरमियाँ
दरमियाँ
Dr. Rajeev Jain
कौन?
कौन?
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*शाश्वत जीवन-सत्य समझ में, बड़ी देर से आया (हिंदी गजल)*
*शाश्वत जीवन-सत्य समझ में, बड़ी देर से आया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कविता क़िरदार है
कविता क़िरदार है
Satish Srijan
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Neeraj Agarwal
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
कृष्णकांत गुर्जर
One day you will leave me alone.
One day you will leave me alone.
Sakshi Tripathi
गीत
गीत
Shiva Awasthi
हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन
हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन
मनोज कर्ण
हमारे देश में
हमारे देश में
*Author प्रणय प्रभात*
छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
gurudeenverma198
सिर्फ औरतों के लिए
सिर्फ औरतों के लिए
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसे थे पापा मेरे ।
ऐसे थे पापा मेरे ।
Kuldeep mishra (KD)
कुछ लोगों का प्यार जिस्म की जरुरत से कहीं ऊपर होता है...!!
कुछ लोगों का प्यार जिस्म की जरुरत से कहीं ऊपर होता है...!!
Ravi Betulwala
💐प्रेम कौतुक-344💐
💐प्रेम कौतुक-344💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
राधा
राधा
Mamta Rani
अपनों की महफिल
अपनों की महफिल
Ritu Asooja
घरौंदा
घरौंदा
Madhavi Srivastava
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
डॉ. दीपक मेवाती
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
Manoj Mahato
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
कितने आसान थे सम्झने में
कितने आसान थे सम्झने में
Dr fauzia Naseem shad
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
डी. के. निवातिया
जीवन दुखों से भरा है जीवन के सभी पक्षों में दुख के बीज सम्मि
जीवन दुखों से भरा है जीवन के सभी पक्षों में दुख के बीज सम्मि
Ms.Ankit Halke jha
2325.पूर्णिका
2325.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*मैं, तुम और हम*
*मैं, तुम और हम*
sudhir kumar
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
Vishal babu (vishu)
Loading...