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20 Jan 2022 · 1 min read

जीवन संगिनी

मेरे हर दर्द की दवा है वो
मेरी सांसों की हवा है वो
जो भी कुछ मैं करता हूं
उसके पीछे की प्रेरणा है वो।।

जब भी घर पहुंचता हूं मैं
दरवाज़ा खोलने आती है वो
मेरे कहने से पहले मेरी बात
जाने कैसे समझ जाती है वो।।

थोड़ी सी चोट लग जाए मुझे
तो सारा घर हिला देती है वो
चेहरे पर दिखे जब दर्द उसके,
पूछने पर,बस मुस्कुरा देती है वो।।

घर से लेकर बाहर का काम
सब कुछ कर जाती है वो
फिर भी आराम नहीं करती
जब थकी हारी घर आती है वो।।

घर में नन्हें शैतान की शरारतें
देखकर भी मुस्कुराती है वो
अभी डांटती है उसको फिर
उसको मना भी लेती है वो।।

रहती है सारा दिन व्यस्त, अपने
लिए समय नहीं निकाल पाती है वो
फिर भी आराम नहीं करती जब
दिनभर के कामों से थक जाती है वो।।

अब तो आप समझ ही गए होंगे
बात हो रही है जिसकी कौन है वो
फिर भी बता रहा हूं, हमारे इस घर की
और मेरे इस दिल की मल्लिका है वो।।

Language: Hindi
10 Likes · 2 Comments · 1112 Views
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