जीवन शोकगीत है
जीवन शोकगीत है
उन समस्त क्षणों का
जिनमें तुम आवश्यक थे
…. और कहीं नही थे तुम!
फिर तुम्हारी देहरी पर
फूल धर गया कोई..?
फिर तुम्हारी आँखों में
स्वप्न धर गया कोई..?
फिर किसी के प्रेम पर
आस जगी है
फिर मेरे हिस्से में
प्रतीक्षा पड़ी है!