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20 Mar 2018 · 1 min read

जीवन वधू

सँजोये स्वर्ण का सेंदुर
पहनकर वासना मुदरी
पिये दुर्बुद्धि की मदिरा
उदात्त लाज जी चुनरी।
बना मद को नयन काजल
सजा हीरों से निज सेजिया
लगा कर झूठ की बिंदिया
पहन कर लोभ की पायल।
पिया के गांव को जाती
वधु जीवन की आंधी सी।
पिया—प्रिय लक्ष्य –भौतिक समृद्धि

Language: Hindi
257 Views
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