जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
मुक्तक
(अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर)
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
इस रथ की धुरी तुम्हीं हो, और रथवान तुम्हीं तो हो।
शक्ति स्वरूपा पार्वती- गौरा, या फिर गंगा बनकर,
भोले शंकर की जय में भी, इक जय गान तुम्हीं तो हो।
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी