जीवन रंग-बिरंगा मेला, साथी संगी सब दो पल के, जाना जीव अकेला ! *****************
जीवन रंग-बिरंगा मेला,
साथी संगी सब दो पल के,
जाना जीव अकेला ! ******************
जान बूझ कर बना नासमझ
खेले जीवन खेला
एक-एक कर आगे -पीछे
देखो रेलम पेला
जीवन रंग-बिरंगा मेला,
साथी संगी सब दो पल के
जाना जीव अकेला ! ******************
कर लें सब तैयारी पूरी
किसे पता है कितनी दूरी
मृग तृष्णा है जीवन सारा
भागम-भाग झमेला
जीवन रंग-बिरंगा मेला,
साथी संगी सब दो पल के
जाना जीव अकेला ! ******************
मन के दूर अँधेरे कर ले
दीपक बन चाहे तो जर ले
सत्कर्मों का अमृत पी ले
ये अमृत अलबेला
जीवन रंग-बिरंगा मेला,
साथी संगी सब दो पल के
जाना जीव अकेला ! ******************