*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)
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1)
जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह
हर दिन अगले दिन रहे, जीने की कुछ चाह
2)
आयु मिले सौ वर्ष या, कल ही हो प्राणांत
कर्मठता बाहर दिखे, भीतर से मन शांत
3)
फूलों को देखो खिले, गर्मी वर्षा शीत
मौसम चाहे जो रहे, फूलों की ही जीत
4)
सदियों से करतीं नहीं, क्षण-भर भी विश्राम
नदियों को देखो सदा, चलना इनका काम
5)
जीवन का मतलब यही, मुख पर हो मुस्कान
दुनिया में रहते दिखो, भीतर प्रभु का ध्यान
6)
जीवन में यद्यपि निहित, मरण बुढ़ापा रोग
अपनी पारी खेलते, जमकर कर्मठ लोग
7)
बड़ी भले हो संपदा, कोठी आलीशान
मन के कोने में रखो, छोटा-सा शमशान
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451