Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2024 · 1 min read

जीवन में कुछ भी मुफ्त नहीं है, आपको हर चीज के लिए एक कीमत चु

जीवन में कुछ भी मुफ्त नहीं है, आपको हर चीज के लिए एक कीमत चुकानी होगी और मूल्य है – आपका धन, आपका स्वास्थ्य, आपका समय, आपकी जवानी, आपकी भावनाएं या आपके सपने भी हो सकते हैं, जिस क्षण आप अपने जीवन में हर चीज के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं, यह वही क्षण होता है जब आप अपने जीवन में कुछ भी बदलने की शक्ति प्राप्त करते हैं…🙏🏃🏻चलते रहिए। सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।। विश्व का कल्याण हो। सुरक्षित रहिए, प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् … भारत माता की जय 🚭‼️

2 Likes · 1 Comment · 12 Views
Books from ललकार भारद्वाज
View all

You may also like these posts

खास हो तुम ।।
खास हो तुम ।।
Ankita Patel
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
Atul "Krishn"
इतना है अरमान हमारा
इतना है अरमान हमारा
अनिल कुमार निश्छल
🙏
🙏
DIVANSHI SHARMA
हर रोज़ सोचता हूं यूं तुम्हें आवाज़ दूं,
हर रोज़ सोचता हूं यूं तुम्हें आवाज़ दूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विश्वास की नाप
विश्वास की नाप
डॉ.सतगुरु प्रेमी
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जीवन में असफलता के दो मार्ग है।
जीवन में असफलता के दो मार्ग है।
Rj Anand Prajapati
Upon the Himalayan peaks
Upon the Himalayan peaks
Monika Arora
साथ
साथ
Neeraj Agarwal
कोहराम मचा सकते हैं
कोहराम मचा सकते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
विद्यार्थी और विभिन्न योग्यताएँ
विद्यार्थी और विभिन्न योग्यताएँ
Bhupendra Rawat
आस...
आस...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
"बीच सभा, द्रौपदी पुकारे"
राकेश चौरसिया
तिनका
तिनका
Dr. Kishan tandon kranti
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
Sanjay ' शून्य'
भजन- कावड़ लेने आया
भजन- कावड़ लेने आया
अरविंद भारद्वाज
तुम सम्भलकर चलो
तुम सम्भलकर चलो
gurudeenverma198
मित्रता तुम्हारी हमें ,
मित्रता तुम्हारी हमें ,
Yogendra Chaturwedi
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
- बीते हुए क्षण -
- बीते हुए क्षण -
bharat gehlot
*पुरस्कार तो हम भी पाते (हिंदी गजल)*
*पुरस्कार तो हम भी पाते (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
नक़ली असली चेहरा
नक़ली असली चेहरा
Dr. Rajeev Jain
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
TAMANNA BILASPURI
वो है संस्कृति
वो है संस्कृति
उमा झा
पहले उसकी आदत लगाते हो,
पहले उसकी आदत लगाते हो,
Raazzz Kumar (Reyansh)
“फेसबूक मित्रों की बेरुखी”
“फेसबूक मित्रों की बेरुखी”
DrLakshman Jha Parimal
बेखबर
बेखबर
seema sharma
मौलिक सृजन
मौलिक सृजन
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
Loading...