जीवन में आशा निराशा
जीवन में आशा निराशा
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लाओ न निराशा जीवन में,
आशा का तुम संचार करो।
निराशा कर देती जीवन नष्ट,
इसका तुम बहिष्कार करो।।
आशा ही तो एक जीवन है,
निराशा तो अंधकार लाती है।
करो साकार स्वप्न आशा के तुम,
आशा ही निराशा को भगाती है।।
बनाओ आशा को जीवन संगनी,
निराशा तो जीवन की सौतन है।
उसके पास न जाना कभी तुम,
वह तो जीवन की एक खोतन है।।
निराशा मे ही तो आशा छिपी है,
इसका जरा संधि विच्छेद करो।
मालूम चल जाएगा तुमको भी,
इसका जरा सा तुम मनन करो।।
आशा निराशा जीवन के पहलू हैं,
उनका केवल तुम आभास करो।
कभी न जीवन में निराशा लाओ,
उसका न जीवन में सत्कार करो।।
फैल रहा है कोरोना सारे जग में,
उसका न तुम कभी विस्तार करो।
मुंह पर मास्क,दो गज की दूरी,
इसका तुम सदैव ध्यान करो।।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम