Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2023 · 1 min read

जीवन पावन प्रेम नदी है

जीवन पावन प्रेम नदी है, जिसमें सतत प्रवाह।
शीत ताप पावस में अविरल, जो न बदलती राह।।

गति जीवन का सत्य चिरन्तन, नदी संचरणशील।
धारा भले पृथुल या कृश हो, मगर न गति में ढील।।
किसी नदी में कभी दुबारा सकें न हम अवगाह।
जीवन पावन प्रेम नदी है, जिसमें सतत प्रवाह।।

बहे अबाधित, कभी न ठहरे, नदी पकड़ से मुक्त।
अपरिग्रह इसका स्वभाव है, जगहिताय उपयुक्त।।
जो कुछ मिलता सब स्वीकारे, नहीं स्वयं की चाह।
जीवन पावन प्रेम नदी है, जिसमें सतत प्रवाह।।

यह अविराम चला करती है, कभी न होती श्रांत।
नहीं किसी से कभी शिकायत, सदा सर्वदा शांत।।
करती सम व्यवहार सभी से, हो फकीर या शाह।
जीवन पावन प्रेम नदी है, जिसमें सतत प्रवाह।।

अनुक्षण अनुपल करवाती है परिवर्तन का बोध।
मंजिल से मिलनेच्छु हमेशा, ढहा सभी अवरोध।।
वीतरागता में अवगाहन, प्रशमित करता दाह।
जीवन पावन प्रेम नदी है ,जिसमें सतत प्रवाह।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी
R 115 खुशवक्त राय नगर
फतेहपुर ( उत्तर प्रदेश )
पिनकोड – 212601
मोबाइल नं. 8840496659
E-mail :- mctripathi62@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all
You may also like:
Love is a physical modern time.
Love is a physical modern time.
Neeraj Agarwal
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
Chaahat
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
Neeraj Mishra " नीर "
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
बिजी तो हर कोई होता है,लेकिन अगर उनकी लाइफ में आपकी कोई वैल्
बिजी तो हर कोई होता है,लेकिन अगर उनकी लाइफ में आपकी कोई वैल्
Ranjeet kumar patre
रास्ते  की  ठोकरों  को  मील   का  पत्थर     बनाता    चल
रास्ते की ठोकरों को मील का पत्थर बनाता चल
पूर्वार्थ
वक्त सबको पहचानने की काबिलियत देता है,
वक्त सबको पहचानने की काबिलियत देता है,
Jogendar singh
प्रेम की धाराएँ
प्रेम की धाराएँ
Dr. Kishan tandon kranti
जब बेटा पिता पे सवाल उठाता हैं
जब बेटा पिता पे सवाल उठाता हैं
Nitu Sah
आज का इंसान
आज का इंसान
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बेचैन थी लहरें समंदर की अभी तूफ़ान से - मीनाक्षी मासूम
बेचैन थी लहरें समंदर की अभी तूफ़ान से - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
Manisha Manjari
"प्यार के दीप" गजल-संग्रह और उसके रचयिता ओंकार सिंह ओंकार
Ravi Prakash
काश तुम आती मेरी ख़्वाबों में,
काश तुम आती मेरी ख़्वाबों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कीमती
कीमती
Naushaba Suriya
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
मन किसी ओर नहीं लगता है
मन किसी ओर नहीं लगता है
Shweta Soni
जहाँ खुदा है
जहाँ खुदा है
शेखर सिंह
गुहार
गुहार
Sonam Puneet Dubey
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
Keshav kishor Kumar
आप
आप
Bodhisatva kastooriya
शे
शे
*प्रणय*
इश्क में तेरे
इश्क में तेरे
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*इश्क यूँ ही रुलाता है*
*इश्क यूँ ही रुलाता है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
फ़ासला बे'सबब नहीं आया ,
फ़ासला बे'सबब नहीं आया ,
Dr fauzia Naseem shad
सलीका शब्दों में नहीं
सलीका शब्दों में नहीं
उमेश बैरवा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Seema Garg
श्रीराम मंगल गीत।
श्रीराम मंगल गीत।
Acharya Rama Nand Mandal
प्रीत को अनचुभन रीत हो,
प्रीत को अनचुभन रीत हो,
पं अंजू पांडेय अश्रु
4236.💐 *पूर्णिका* 💐
4236.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...