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9 Oct 2023 · 1 min read

जीवन पावन प्रेम नदी है

जीवन पावन प्रेम नदी है, जिसमें सतत प्रवाह।
शीत ताप पावस में अविरल, जो न बदलती राह।।

गति जीवन का सत्य चिरन्तन, नदी संचरणशील।
धारा भले पृथुल या कृश हो, मगर न गति में ढील।।
किसी नदी में कभी दुबारा सकें न हम अवगाह।
जीवन पावन प्रेम नदी है, जिसमें सतत प्रवाह।।

बहे अबाधित, कभी न ठहरे, नदी पकड़ से मुक्त।
अपरिग्रह इसका स्वभाव है, जगहिताय उपयुक्त।।
जो कुछ मिलता सब स्वीकारे, नहीं स्वयं की चाह।
जीवन पावन प्रेम नदी है, जिसमें सतत प्रवाह।।

यह अविराम चला करती है, कभी न होती श्रांत।
नहीं किसी से कभी शिकायत, सदा सर्वदा शांत।।
करती सम व्यवहार सभी से, हो फकीर या शाह।
जीवन पावन प्रेम नदी है, जिसमें सतत प्रवाह।।

अनुक्षण अनुपल करवाती है परिवर्तन का बोध।
मंजिल से मिलनेच्छु हमेशा, ढहा सभी अवरोध।।
वीतरागता में अवगाहन, प्रशमित करता दाह।
जीवन पावन प्रेम नदी है ,जिसमें सतत प्रवाह।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी
R 115 खुशवक्त राय नगर
फतेहपुर ( उत्तर प्रदेश )
पिनकोड – 212601
मोबाइल नं. 8840496659
E-mail :- mctripathi62@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
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