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5 Nov 2024 · 1 min read

*जीवन-पथ पर चल रहे, लिए हाथ में हाथ (कुंडलिया)*

जीवन-पथ पर चल रहे, लिए हाथ में हाथ (कुंडलिया)
_________________________
जीवन-पथ पर चल रहे, लिए हाथ में हाथ
ज्यों-ज्यों बूढ़ापन बढ़ा, त्यों-त्यों बढ़ता साथ
त्यों-त्यों बढ़ता साथ, सात जो जन्म निभाते
उनके घर आनंद, देवता रस बरसाते
कहते रवि कविराय, नेह से हुआ न बढ़कर
धन्य-धन्य दांपत्य, प्रेममय जीवन-पथ पर
————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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