जीवन जीत हैं।
जीवन जीत हैं।
सुख-दुःख मीत हैं।
मौत अंतिम किनारा है।
जो जग से हारा
जीवन नित सुंदर
खिलते हैं उपवन लगे फूल।
अपनी स्त्रष्ट्रा के लिए।
मनमोहक दृश्य हैं।
जीवन जीत हैं।
सुख- दुख मीत है।
तुम गिर जाओ गर्त में,
या ढकलों अपने को बीच मझधार में,
या महान , सामान्य बनकर दिखाओ
जीवन अंतिम निर्णय मौत हैं।
जो गुजर कर ही रहेगी।
सारी उम्र का कर्म है।
जिस पर अडिग रहना
अपना कर्तव्य है ।
जीवन जीना परम जीत हैं।
_ डॉ सीमा कुमारी , बिहार,भागलपुर, दिनांक 15-5-022 की मौलिक एवं स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।