जीवन जनरल डब्बा…..
? कुण्डलिया छंद ?
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‘जनरल डब्बा’ है गयौ, जे जीवन सरकार।
भीड़ बनी बीबी सदा, सिर पै मिलै सवार।
सिर पै मिलै सवार, बने हैं बच्चा टीटी।
टपक रहौ है तेल, बजै रग-रग ते सीटी।
एस एम हैं मात, खलासी उनके अब्बा।
‘तेज’ गधे-से दौड़, भये हम जनरल डब्बा।
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? तेज मथुरा✍