Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2024 · 1 min read

जीवन क्या है ?

जीवन है चलने का नाम।
चलते रहो सुबह व शाम।।

जीवन है सुख दुःख का नाम।
आना जाना है इनका काम।।

जीवन है जीवन मृत्यु का नाम।
आवागमन का है इनका काम।।

जीवन में करो तुम अच्छे काम।
परलोक में आयेंगे तुम्हारे काम।।

जीवन में रक्खो तुम उच्च विचार।
यही हैं जीने का अच्छा आधार।।

इस जीवन में जपो प्रभु का नाम।
तभी निकलेंगे अच्छे परिणाम।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
1 Like · 70 Views
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

" वास्ता "
Dr. Kishan tandon kranti
#रंग (व्यंग्य वाण)
#रंग (व्यंग्य वाण)
Rajesh Kumar Kaurav
ज्ञान रहे सब पेल परिंदे,
ज्ञान रहे सब पेल परिंदे,
पंकज परिंदा
विचारिए क्या चाहते है आप?
विचारिए क्या चाहते है आप?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
कृष्णकांत गुर्जर
" पलास "
Pushpraj Anant
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
★ IPS KAMAL THAKUR ★
सपनों का सफर, संघर्षों का साथ,
सपनों का सफर, संघर्षों का साथ,
पूर्वार्थ
दूर करो माँ सघन अंधेरा
दूर करो माँ सघन अंधेरा
उमा झा
खुद के अलावा खुद का सच
खुद के अलावा खुद का सच
शिव प्रताप लोधी
क्या -दीया जलाना मना है
क्या -दीया जलाना मना है
शशि कांत श्रीवास्तव
कौशल्या माता
कौशल्या माता
Sudhir srivastava
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
राधा कृष्ण होली भजन
राधा कृष्ण होली भजन
Khaimsingh Saini
बुनकर...
बुनकर...
Vivek Pandey
बंसत पचंमी
बंसत पचंमी
Ritu Asooja
दिलरुबा जे रहे
दिलरुबा जे रहे
Shekhar Chandra Mitra
माँ से मिलने के लिए,
माँ से मिलने के लिए,
sushil sarna
मैं आखिर उदास क्यों होउँ
मैं आखिर उदास क्यों होउँ
DrLakshman Jha Parimal
धन्यवाद
धन्यवाद
Rambali Mishra
चंद्रमा तक की यात्रा
चंद्रमा तक की यात्रा
Savitri Dhayal
संकल्प
संकल्प
Shashank Mishra
हर घर एक तिरंगे जैसी
हर घर एक तिरंगे जैसी
surenderpal vaidya
बेफिक्र तेरे पहलू पे उतर आया हूं मैं, अब तेरी मर्जी....
बेफिक्र तेरे पहलू पे उतर आया हूं मैं, अब तेरी मर्जी....
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
4003.💐 *पूर्णिका* 💐
4003.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
औषधि की तालीम
औषधि की तालीम
RAMESH SHARMA
जो जिस चीज़ को तरसा है,
जो जिस चीज़ को तरसा है,
Pramila sultan
माया सूं न प्रीत करौ, प्रीत करौ परमेस।
माया सूं न प्रीत करौ, प्रीत करौ परमेस।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...