Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2022 · 1 min read

जीवन के गुज़रने में

हम भी तो गुज़रते हैं ।
जीवन के गुज़रने में ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
7 Likes · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

लोग कैसे कैसे
लोग कैसे कैसे
MEENU SHARMA
मां ब्रह्मचारिणी
मां ब्रह्मचारिणी
Mukesh Kumar Sonkar
साकार आकार
साकार आकार
Dr. Rajeev Jain
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
आई है होली
आई है होली
Meera Thakur
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
अंसार एटवी
जब सच सामने आता है
जब सच सामने आता है
Ghanshyam Poddar
*मानपत्रों से सजा मत देखना उद्गार में (हिंदी गजल/
*मानपत्रों से सजा मत देखना उद्गार में (हिंदी गजल/
Ravi Prakash
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
जिंदगी झंड है,
जिंदगी झंड है,
कार्तिक नितिन शर्मा
3870.💐 *पूर्णिका* 💐
3870.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बारिश ने क्या धूम मचाया !
बारिश ने क्या धूम मचाया !
ज्योति
महबूबा
महबूबा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
अब बदला किस किस से लू जनाब
अब बदला किस किस से लू जनाब
Umender kumar
पिता
पिता
GOVIND UIKEY
ଭଗବାନ କିଏ
ଭଗବାନ କିଏ
Otteri Selvakumar
सतरंगी आभा दिखे, धरती से आकाश
सतरंगी आभा दिखे, धरती से आकाश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
युवक की जिंदगी
युवक की जिंदगी
पूर्वार्थ
चूड़ी
चूड़ी
अंकित आजाद गुप्ता
..
..
*प्रणय*
परिवार तक उनकी उपेक्षा करता है
परिवार तक उनकी उपेक्षा करता है
gurudeenverma198
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
स्वयं के लिए
स्वयं के लिए
Dr fauzia Naseem shad
अगर, आप सही है
अगर, आप सही है
Bhupendra Rawat
कांतिपति की कुंडलियां
कांतिपति की कुंडलियां
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
02/05/2024
02/05/2024
Satyaveer vaishnav
???????
???????
शेखर सिंह
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"कथनी-करनी"
Dr. Kishan tandon kranti
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...