जीवन के आधार (सरसी छंद)
ईश्वर के दो रूप सही है, निराकार साकार !
सृजनहार हैं सत्य सृष्टि के,है इनसे आधार!
दिये सृष्टि ने हमे अनगिनत, नित्य मित्र उपहार!
समझेगा कब इसे आदमी, …इनसे है संसार! !
हवा भूमि जल अग्नि व्योम हैं, जीवन के आधार !
इनसे ही है पूर्ण जिंदगी,……कर लेना स्वीकार!
पञ्च तत्व के सहज मेल से , लेता तन आकार !
तत्व सभी अनमोल इसलिए, …इनसे हैं संसार !!
रमेश शर्मा.